
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को बिहार भाजपा अध्यक्ष पद पर बड़ा फैसला लेते हुए दरभंगा से विधायक संजय सरावगी को यह जिम्मेदारी सौंपी है। अब तक यह पद दिलीप कुमार जायसवाल के पास था, लेकिन संगठन ने अब नए चेहरे पर भरोसा जताया है।

दरभंगा से पटना तक बढ़ा कद
संजय सरावगी को बिहार की राजनीति में मजबूत संगठनकर्ता, ज़मीनी नेता और चुनावी रणनीति समझने वाला चेहरा माना जाता है।
दरभंगा जैसे मिथिलांचल के अहम इलाके से आने वाले सरावगी की नियुक्ति को क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।
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राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह बदलाव केवल पद परिवर्तन नहीं है, बल्कि चुनावी रोडमैप का हिस्सा है। BJP अब बिहार में, बूथ लेवल स्ट्रक्चर, सामाजिक संतुलन और NDA तालमेल तीनों पर एक साथ फोकस करना चाहती है।
कुर्सी बदली, संदेश गहरा
कल तक सवाल था— “बिहार BJP कौन संभालेगा?”
आज जवाब साफ है— “जिसके पास संगठन का पेंच भी हो और ज़मीन की पकड़ भी।”
राजनीति में कुर्सी बदलना आम है, लेकिन टाइमिंग कभी आम नहीं होती।

आगे की चुनौती
संजय सरावगी के सामने अब संगठन को और मजबूत करना NDA सहयोगियों के साथ तालमेल और आने वाले चुनावों की तैयारी सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
बिहार BJP की कमान अब ऐसे नेता के हाथ में है, जो विधानसभा की राजनीति भी जानता है और संगठन की नस भी पहचानता है।
अब देखना होगा कि सरावगी पटना की राजनीति में कितनी दूर तक जाते हैं।
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